Mauni Amavasya -2023 -साल की पहली मौनी अमावस्या ,अमावस में शुभ मुहूर्त, क्या करना चाहिए मौनी अमावस्या में,
Mauni Amavasya-2023 - कब है अमावस्या ?
इस साल की पहली मौनी अमावस्या ,जाने शुभ मुहूर्त और महत्व
Mauni Amavasya 2023 - हिन्दू पंचांग के हिसाब से हिन्दू कैलेंडर में प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की आखरी तिथि अमावस्या होती है. परन्तु मौनी अमावस्या का हिन्दु धर्म मे खास महत्व माना जाता है. माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या और माघी अमावस्या के नाम से जानते हैं.
धर्म शास्त्रो में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और पुजा पाठ करने से व्यक्ति के सारी तकलीफे दुर हो जाती है और इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पुजा की जाती है. वैसे तो माघ माह में हर दिन गंगा स्नान करने का महत्व है, माघ में गंगा जल अमृत के समान माना जाता है, इस वजह से गंगा को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है. गंगा के स्पर्श मात्र से ही राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्राप्त हुआ था.
माघ मास की सुरुवात और समापन
माघ मास 07 जनवरी 2023 से सुरु होकर 05 फरवरी 2023 तक रहेगा. इस मास में पुजा-पाठ और धार्मिक कार्यो को करने से पुण्य फल की प्राप्ति होने की मान्यता है.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 जनवरी दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है. इस तिथि का समापन अगले दिन 22 जनवरी रविवार को सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर इसका समापन होगा, उसके बाद वज्र योग होगा.माघी अमावस्या पर ब्रम्ह मुहूर्त में तीर्थ स्नान पितरों के शांति के लिए श्राध्द कर्म तर्पण करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या पर पूरे दिन मौन धारण करने का महत्व माना गया है ऐसा करने से सामान्य व्रत से दोगुना फल प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या पर स्नान के बाद सूर्य देवता कीप पुजा करते हैं. इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं. यह दिन अंतर्मन को शुध्द करने का अवसर होता है. मान्यता है कि मौन व्रत रखने से शरीर को ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृध्दि होती है, और वाणि दोस से मुक्ति मिलती है. इस तिथि पर ही ब्रह्मा के मानस पुत्र मनु ऋषि का जन्म हुआ था. इसलिए इसका नाम मौनी अमावस्या पड़ा।
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